
प्रधानमंत्री आवास योजना में सर्वे के नाम पर अवैध वसूली, गरीबों पर बढ़ा दबाव
ग्रामीण जन रायगढ़ – प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) ग्रामीण के तहत आवास प्लस पोर्टल से छूटे हुए लाभुकों को जोड़ने के लिए सर्वे किया जा रहा है। लेकिन इस प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर धांधली और अवैध वसूली की शिकायतें सामने आ रही हैं।
₹1500-2000 तक की अवैध वसूली का आरोप
स्थानीय लोगों के अनुसार, सर्वे के दौरान नाम जोड़ने के लिए ₹1500 से ₹2000 तक की अवैध वसूली की जा रही है। शिकायत करने पर जनप्रतिनिधि और सर्वे कर्मी फोटो खींचकर धमकी दे रहे हैं कि यदि किसी ने आवाज उठाई तो पोर्टल से नाम हटा दिया जाएगा।
डर के कारण चुप्पी साधे हैं लोग
ग्रामीणों ने बताया कि कई लोग इस अवैध वसूली के खिलाफ बोलने से डर रहे हैं, क्योंकि उन्हें डर है कि अगर उन्होंने विरोध किया, तो उन्हें योजना का लाभ नहीं मिलेगा। एक व्यक्ति ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि सर्वे टीम के कुछ लोग खुद पैसा मांग रहे हैं, जबकि कुछ बिचौलियों के जरिए उगाही करवा रहे हैं।
31 मार्च तक पूरा होना है सर्वे
सरकार की ओर से सभी पंचायतों में 31 मार्च तक सर्वे पूरा करने का निर्देश दिया गया है। कई लाभार्थी सेल्फ सर्वे ऐप के जरिए अपना नाम जोड़वा रहे हैं, लेकिन उन्हें भी कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
प्रशासन की चुप्पी, जांच की मांग
अब तक प्रशासन की ओर से इस मामले पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। सामाजिक संगठनों और ग्रामीणों ने सरकार से निष्पक्ष जांच की मांग की है ताकि गरीबों को बिना किसी रिश्वत के उनका हक मिल सके।
क्या करें अगर अवैध वसूली हो रही हो?
यदि आपसे प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत नाम जोड़ने के लिए पैसे मांगे जा रहे हैं, तो आप इन तरीकों से शिकायत कर सकते हैं:
- प्रधानमंत्री आवास योजना की आधिकारिक वेबसाइट (https://pmayg.nic.in) पर शिकायत दर्ज करें।
- स्थानीय प्रशासन और ब्लॉक स्तर के अधिकारियों को लिखित शिकायत दें।
- टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करें और अपनी शिकायत दर्ज कराएं।
- मीडिया से संपर्क करें, ताकि भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई जा सके।